भारतीय सेना में महिलाएं तथा पुरुष एक साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश सेवा में योगदान दे रहे हैं। बीते एक दशक से सेना में महिलाओं की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। सेना में हर एक पद पर अब महिलाओं के लिए भी नए अवसर खोले जा रहे हैं। हालांकि, महिलाओं को भी सेना का अभिन्न अंग बनने के लिए कठिन फिजिकल परीक्षा से गुजरना पड़ता है, लेकिन परीक्षा के दौरान दौड़ सभी के लिए परेशानी का विषय बन जाती है, क्योंकि उन्हें तय समय 5 मिनट 30 सेकेंड में 1600 मीटर की दौड़ संपन्न करनी होती है। दौड़ की पर्याप्त प्रैक्टिस होने के बाद भी वह दौड़ क्वालीफाई करने में अस्मर्थ होते हैं। इसलिए उन्हें दौड़ की प्रैक्टिस के साथ-साथ योग पर भी अपना ध्यान क्रेंद्रित करना चाहिए। योग हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। योग शरीर के साथ –साथ हमारे मन को भी नियंत्रण में रखता है, ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति के लिए योग की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है। इसी प्रकार से कुछ योगासन व्यक्ति को खेल प्रतियोगिता में अव्वल आने में काफी मददगार साबित होते हैं। इसी को देखते हुए इस लेख में 5 बेस्ट योगासन बताए गए हैं, जो महिलाओं को 1600 मीटर की दौड़ क्वालीफाई करने में मददगार साबित होंगे।
महिलाओं के लिए 5 योगासन
1. बद्धकोणासन (Butterfly Pose)- जैसा कि नाम से स्पष्ट होता है कि यह आसन तितली के आकार से मिलता है। इस आसन को किसी भी उम्र के लोग कर सकते हैं। इस आसन के द्वारा भीतरी जांघों एवं घुटनों में खिंचाव या कहें फ्लैक्सिबिलिटी बढ़ती हैं।
कैसे करें बद्धकोणासन
इस योग को करने के लिए सबसे पहले एक आसन बिछाकर बैठें।
फिर अपने पैरों को खोलकर इस प्रकार से पोज़ बनाएं कि दोनों पैरों की एड़िया एक दूसरे को छूती रहें।
जितना हो सके दोनों एड़ियों को अपने पेट के पास लेकर आएं।
फिर अपने हाथों की अंगुलियों की सहायता से दोनों पैरों के अंगूठों को पकड़ लें।
यह योग करते समय आपको अपनी कमर एक दम सीधी रखनी है।
फिर 1 से 5 मिनट तक अपने घुटनों को ऊपर- नीचे करते रहें।
बद्धकोणासन के लाभ
यह आसन निरंतर करने से आपके कदम लंबे होने लगते हैं और पैरों में खिंचाव पड़ता है।
शरीर में रक्त संचार नियंत्रण में रहता है।
मानसिक तनाव एवं थकान दूर होती है।
रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
2. अर्ध मत्स्येन्द्रासन (Ardha Matsyendrasana):- अर्धमत्स्येन्द्रासन योगासन में शरीर को आधा मोड़ा या घुमाया जाता है। इस आसन के द्वारा फेफड़ों तक उपयुक्त मात्रा में ऑक्सीजन का संचार होता है। यह कमर तथा रीढ़ की हड्डी के लिए बहुत लाभदायक होता है।
कैसे करें अर्ध मत्स्येन्द्रासन
एक योगमेट या चादर पर सीधे बैठें।
पैरों को सीधा बैठते हुए आपके सामने फैलाएं।
बाएं पैर को मोड़ें, दाहिने पैर को उठाएं और उसे बाएं पैर के सामने रखें।
अपने दाहिने हाथ को पीछे तथा बाएं हाथ को दाहिने घुटने की ओर रखें।
इस दौरान आपने अपने चेहरे को भी दाहिने हाथ की तरफ रखना है।
लंबी सांस लेकर 15-30 सेकेंड के लिए इस स्थिति रहें।
सांस छोड़ते समय धीरे-धीरे अपने हाथ और पैरों को वापस सामान्य स्थिति में लाएं।
अब यही प्रक्रिया बाएं से दाएं की ओर फिर से दोहराएं।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन के लाभ:
अर्धमत्स्येन्द्रासन से कमर की मांसपेशियों को मजबूती मिलती है।
दौड़ के दौरान सांस लेने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आती है।
इस आसन से हृदय की क्रिया सुधारा होता है और दिल संबंधित समस्याएं समाप्त होती है।
यह आसन शारीरिक और मानसिक तनाव को कम कर सकता है और मन को शांति प्रदान कर करता है।
3. हस्तपादासन (Hastapadasana):- हस्तपादसन तीन शब्दों से मिलकर बना है, हस्त यानि हाथ, पाद यानि पैर और आसन का अर्थ मुद्रा। इस आसन के द्वारा शरीर में रक्त प्रवाह में तेजी आती है, जिसे शरीर एक्टिव बना रहता है।
हस्तपादासन कैसे करें:
हस्तपादासन के लिए सबसे पहले आसन पर पैरों को एक साथ मिलाकर खड़े हो जाएं।
लंबी सांस लें और सांस छोड़ते हुए अपने हाथों को आगे बढ़ाएं और धीरे-धीरे आगे की झुकते हुए पैरों तक लेकर जाएं।
अब अपने हाथों को पंजों की साइड में रखें।
इसी मुद्रा में 15-30 सेकेंड तक रहें और गहरी सांस लेते रहें। ध्यान रहें कि आपको इस अवस्था में अपने घुटनों नहीं मोड़ने हैं।
सांस छोड़ते हुए अपने हाथों को ऊपर के ओर लेकर जाएं।
फिर से यही प्रक्रिया दोहराते रहें।
हस्तपादासन के लाभ
शरीर में रक्त प्रवाह तेज होता एवं स्फूर्ति आती है।
रीढ़ की हड्डी को मजबूती प्रदान करता है।
कमर दर्द से राहत मिलती है।
शरीर में फ्लेक्सिबिलिटी आती है और दौड़ में कदम की लंबाई बढ़ाने में कारगर है।
4. त्रिकोणासन (Trikonasana):- योगासन एक प्राचीन योगासन है जो शरीर को मजबूत और लचीला बनाता है। ध्यान रहे कि इस आसन को करने से पूर्व अच्छी प्रकार से वार्म अप कर लें।
त्रिकोणासन कैसे करें-
सबसे पहले, योगमेट पर खड़े हो जाएं और दोनों पैरों के बीच लगभग 3-4 फीट की दूरी रखें।
अपने बाएं पैर को 15 डिग्री पर तथा दाएं पैर को 90 डिग्री तक घुमाएं।
अब अपने दाएं हाथ को अपने पैर के पंजे तक लेकर जाएं और बाएं हाथ को ऊपर की ओर सीधा रखें।
अपनी गर्दन को भी अपने बाएं हाथ की तरफ मोड़ें।
अब धीरे- धीरे अपने शरीर को बाएं हिस्से को जितना हो सके नीचे की तरफ मोड़ें।
सांस को सामान्य रखें और 15-30 सेकेंड के लिए इस स्थिति में बनाए रखें।
अब प्रक्रिया दूसरी तरफ करके दोहराते रहें।
त्रिकोणासन के लाभ
त्रिकोणासन कमर की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करता है।
इस आसन से पैर, धुटने, एड़ियां एवं हाथों को मजबूती मिलती है।
पाचन तंत्र में सुधार होता है।
पैरों में खिंचाव पड़ता है तथा दौड़ के कदमों की दूरी बढ़ती है।
इस आसन से मानसिक चिंताओं को कम किया जा सकता है।
5. वृक्षासन (Vrikshasana):- वृक्षासन योग का एक आसन है, जिसमें शरीर को पेड़ की अवस्था में सीधा रखा जाता है। यह आसन स्थिरता, ध्यान, और शारीरिक संतुलन को बढ़ाने में मदद करता है।
वृक्षासन कैसे करें:
सबसे पहले, एक स्थिर अवस्था में खड़े हो जाएं।
अपने दोनों पैरों को जमीन में स्थिर रखें।
अब अपने दाहिने पैर को ऊपर की ओर उठाएं और उसे बाएं पैर का सहारा दें।
ध्यान दें कि आपकी कमर सीधी हो और शरीर का संतुलन बना रहे।
धीरे-धीरे अपने दोनों हाथों को उठाएं और सिर के ऊपर दोनों हथेलियों को मिला लें, नमस्कार की अवस्था में।
इस दौरान गहरी सांस लें तथा और धीरे-धीरे छोडें।
और यही प्रक्रिया दूसरा पैर ऊपर करके फिर से दोहराएं।
वृक्षासन के लाभ:
संतुलन बनाए रखने में मदद करता है और स्थिरता देता है।
शरीर को मजबूती देता है, विशेष रूप से पैरों, जांघों और पेट को।
शारीरिक संतुलन को सुधारता है।
मानसिक चुनौतियों से निपटने में मदद करता है।
तनाव कम करने में मदद करता है।
शरीर में लचीलापन आता है और दौड़ के लिए काफी सहायक है।
उपरोक्त योग आसनों को करते समय सावधानी बरतें और जोर जबरदस्ती से कोई भी योगासन करने का प्रयास ना करें इससे आपको चोट लगने का खतरा बना रहता है। हालांकि रोजाना अभ्यास से आप ये योगासन आसानी से कर सकते हैं। इस प्रकार महिलाएं इन योगासनों का नियमित रूप से अभ्यास करके अपनी दौड़ की गति बढ़ा सकती हैं, इसके साथ ही आपको रोजाना दौड़ का अभ्यास भी करना है। जो निश्चित ही आपको 1600 मीटर की दौड़ क्वालीफाई करने में मदद करेगा।
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